TRP meaning in hindi. What is TRP full form

टीवी देखना किसे नहीं पसंद फिर चाहे वह किसी भी उम्र के हो, अगर बच्चों की बात करें तो उन्हें कार्टून या मूवीस देखना पसंद है, घर की महिलाओं को कोई भी सीरियल या रसोई से जुड़े हुए चैनल और वही घर के पुरुष या बुजुर्ग लोग समाचार यह न्यूज़ चैनल देखना ज्यादा पसंद करते हैं। पर हर कोई टीवी देखते हुए अपने आप को मनोरंजन से भरपूर महसूस करता हैं और वे अपना समय आनंद के साथ बिताते है। (TRP meaning in hindi)

हम में से कई लोगों ने टीवी देखते समय या समाचार सुनते समय इस शब्द TRP को जरूर सुना होगा कि कैसे किसी खास चैनल की टीआरपी बढ़ गई है तो वहीं दूसरी तरफ किसी चैनल की टीआरपी घट गई है। आज के समय में तो हर चैनल या टीवी इंडस्ट्री मे यह एक खास चर्चा का विषय बन गया है कि किस तरह किसी चैनल की टीआरपी टॉप पर रहती है तो किसी दूसरे चैनल की टीआरपी का दम निकल गया।

किसी भी चैनल की TRP घटने और बढ़ने के कई सारे कारण और परिस्थिति होते हैं पर जो सबसे अहम कारण होता है किसी भी चैनल की टीआरपी बढ़ने या घटने का वह होता है उस चैनल पर दिखाए जाने वाला या प्रसारण किया जाने वाला शो या कार्यक्रम।

क्या हर चैनल की TRP निर्धारित होती है ?

यह जरूरी नहीं है कि हर चैनल की टीआरपी निर्धारित हो, हर चैनल की टीआरपी दिन, सप्ताह, महीना के हिसाब से बढ़ती – घटती रहती है। मान लीजिए किसी सप्ताह किसी टीवी चैनल का TRP टॉप पर है तो अगले सप्ताह वही चैनल का TRP भी घट जाता है।

बहुत सारी ऐसी एजेंसी होती है जो दैनिक, सप्ताहिक या मानसिक तौर पर हर चैनल की टीआरपी लिस्ट जारी करती है और उन लिस्ट के आधार पर ही टीवी चैनल्स के मालिक या उनके इन्वेस्टर्स या प्रचार करने वाली कंपनियां इत्यादि सभी लोग अपनी योजनाएं तय करते हैं।

आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे कि What is TRP full form and TRP meaning in hindi.

TRP meaning in hindiWhat is TRP full form ?

TRP का फुल फॉर्म होता है Television Rating Point. अगर सरल भाषा में बात करें तो टेलीविजन रेटिंग पॉइंट या टीआरपी का किसी भी चैनल के कार्यक्रम की लोकप्रियता और उस कार्यक्रम को देखने वाले दर्शकों की संख्या का अनुमान लगाने का तरीका होता है। TRP की मदद से इस बात की गणना करना बहुत ही सरल हो जाता है कि किसी तय समय पर किसी चैनल या किसी टीवी शो को लगभग या औसतन कितने लोग देख रहे थे

मान लीजिए अगर किसी टीवी चैनल के किसी कार्यक्रम की TRP बहुत ज्यादा आ रही है तो इसका सीधा-सीधा यह मतलब होता है कि उस कार्यक्रम को बहुत सारे लोग देख रहे हैं और काफी सारे लोग उस कार्यक्रम को पसंद भी कर रहे हैं और इसके विपरीत अगर किसी चैनल की टीआरपी अगर गिर गई है या घटती जा रही है तो इसका यह मतलब होता है कि उस कार्यक्रम को लोग पसंद नहीं कर रहे हैं और उसको देखने वाले लोगों की संख्या भी काफी कम है।

टीआरपी ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से चैनल से जुड़े हुए या उस चैनल के साथ बिजनेस करने वाले लोग दर्शकों की पसंद और नापसंद जान पाते है और उसी के आधार पर अपने कार्यक्रम या टीवी शो पर सुधार करते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक उनके चैनल्स के कार्यक्रमों को देखें और उनका TRP ज्यादा रहे।

TRP कैसे कैलकुलेट करते हैं क्या है इसकी प्रक्रिया –

आज पूरे विश्व में TRP को कैलकुलेट करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, भारत में मुख्य तौर पर टीआरपी कैलकुलेट करने के लिए जो तरीके अपनाए जाते हैं वह है Picture matching और People meter इन्हीं दो तरीकों से भारत में टीआरपी की कैलकुलेशन की जाती है।

1. Picture matching – आजकल इस तरीके को बहुत कम उपयोग किया जाता है। इस विधि से TRP कैलकुलेट करने के लिए अलग-अलग समय पर अलग-अलग जगहों पर चल रहे टीवी चैनलों के स्क्रीन को कैप्चर किया जाता है और उसके बाद यह देखा जाता है कि कौन से चैनल पर कौन से शो सबसे ज्यादा चल रहे थे उसी के हिसाब से इस बात का कैलकुलेशन होता है कि किसी एक निर्धारित समय पर कौन से टीवी चैनल के शो ज्यादा देखे जा रहे थे।

2.People Meter – यह अत्यधिक प्रसिद्ध और बहुत ही पॉपुलर तरीका है TRP कैलकुलेट करने का या टीआरपी की गणना करने का। पीपुल मीटर एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसे जगह जगह पर घरों पर लगाया जाता है और इस पीपुल मीटर की खास बात यह है कि इस मीटर की फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करके यह तय किया जाता है कि किस घर में किस खास समय में कौन से शो देखे जा रहे थे और इन सारी डाटा को एक साथ इकट्ठा करके फिर इसका विश्लेषण किया जाता है और उसके बाद दैनिक, साप्ताहिक या मासिक टीआरपी लिस्ट जारी की जाती है।

कौन जारी करता है टीआरपी रेटिंग ?

TRP rating की गणना जो मुख्य एजेंसी भारत में करती हैं वह है

1. INTAM INDIAN TELEVISION AUDIENCE MEASUREMENT.

2. BARC BROADCAST AUDIENCE RESEARCH COUNCIL .

Intam – यह वह एजेंसी है जो मुख्यतः लोगों के घरों में people meter लगाती है और उस मीटर से प्राप्त हुए डाटा के आधार पर टीवी कार्यक्रमों की टीआरपी रेटिंग लिस्ट जारी करती हैं।

BARC – इस संस्थान की स्थापना सन 2010 में की गई थी और इसका मुख्यालय मुंबई महाराष्ट्र में है BARC के चेयरमैन पुनीत गोयनका है और इसके सीईओ सुनील बुला। यह एक भारतीय ब्रॉडकास्ट रिसर्च एजेंसी है जो आजकल अत्यधिक आधुनिक नई तकनीकों का इस्तेमाल करके टीवी प्रोग्राम तक पहुंचती है जैसे कि BAR-O और audio watermark। इन दोनों तकनीकों का इस्तेमाल करके यह एजेंसी इस बात का पता लगाती है कि किसी प्रत्येक समय पर कौन से टीवी चैनल पर कौन सा शो सबसे ज्यादा देखा जा रहा था और उसके बाद यह कंपनी की TRP list जारी करती है।

टीआरपी रेटिंग का महत्व –

TRP रेटिंग लिस्ट हमेशा दर्शकों की संख्या के ही आधार पर जारी की जाती है और इसी लिस्ट के आधार पर किसी भी कार्यक्रम या चैनल की लोकप्रियता का पता लगाया जा सकता है। टीआरपी की मदद से ना केवल चैनल या टीवी शो की लोकप्रियता का पता चलता है बल्कि उसे देखने वाले दर्शकों के मूड का भी पता लगाया जा सकता है कि वह किस तरह के कार्यक्रम देखना पसंद करते हैं। इस तरह के डाटा से चैनल मालिकों को काफी मदद मिलती है अपने कार्यक्रमों में सुधार करने के लिए ताकि ज्यादा से ज्यादा दर्शक उसे देखें और उनकी टीआरपी रेटिंग बड़े।

ऑनलाइन टीआरपी क्या है यह कैसे तय होती है ?

जैसा कि आप सब लोग जानते ही होंगे आजकल ज्यादातर टीवी सीरियल सोशल मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग एप्स के जरिए भी दर्शकों तक पहुंचाए जाते हैं। Online TRP भी किसी भी चैनल के कार्यक्रम की ऑनलाइन लोकप्रियता को मापने का एक तरीका है। Online TRP का डाटा तय करने के लिए जो एजेंसी है मुख्य तौर पर काम करती है वह है Twiter, Facebook इत्यादि सोशल मीडिया साइट्स जो टीवी पर होने वाले शो से संबंधित पोस्ट, Hashtag discussion, online news इन सब की संख्या को मॉनिटर करती है और उसी आधार पर डाटा तैयार करके टीआरपी की लिस्ट जारी करती है।

उदाहरण के लिए अभी कुछ दिनों पहले बिग बॉस का सीजन सोशल मीडिया में बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुआ था और इसी वजह से वह कई सप्ताह तक online TRP की लिस्ट में सबसे टॉप पर था।

TRP से कैसे होती है टीवी चैनलों की इनकम ?

शायद आप ना जानते हो पर हर टीवी चैनल की इनकम का 80% हिस्सा सिर्फ विज्ञापन से आने वाले पैसों से होता है यह विज्ञापन हर शो के बीच में दो-दो मिनट के लिए आते हैं। और इस विज्ञापन को दिखाने के लिए चैनल मालिक विज्ञापन कंपनियों से अच्छी खासी रकम लेते हैं। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि विज्ञापन और TRP का क्या संबंध है तो आपको इस बारे में बता दें की जिस चैनल की टीआरपी सबसे ज्यादा होती है उस चैनल में अगर किसी को विज्ञापन दिखाना है तो उसे ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं इसके विपरीत जिस चैनल की टीआरपी कम होती है उसमें विज्ञापन दिखाने के लिए कम पैसे देने पड़ते हैं।

जैसे हमने पहले उदाहरण दिया था कि कुछ समय पहले बिग बॉस की टीआरपी रेटिंग सबसे ज्यादा थी और उस शो के दौरान जब भी विज्ञापन का ब्रेक आता था तो उस में दिखाए जाने वाले विज्ञापन बहुत ही बड़े बड़े कंपनियों के होते थे। इन विज्ञापन कंपनियों के मालिक अपने विज्ञापन को बिग बॉस के शो के दौरान दिखाने के लिए चैनल मालिकों को अच्छी खासी मोटी रकम देते थे जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग उनके विज्ञापन को देखें और उनका बिजनेस बड़े। इस तरह अच्छी टीआरपी वाले चैनलों की कमाई अच्छी होती है।

टीआरपी का दर्शकों के लिए महत्व –

वैसे देखा जाए तो किसी भी शो के TRP से दर्शकों का कोई सीधा संबंध नहीं होता क्योंकि किस शो को देखना है या ना देखना है यह पसंद दर्शकों की खुद की होती है और यह उन पर निर्भर करता है की वे किस शो को देखें, लेकिन अगर किसी चैनल की टीआरपी अत्यधिक अच्छी है तो इसका मतलब यह है कि लोग उसे काफी पसंद कर रहे हैं। इस तरह किसी भी चैनल की टीआरपी रेटिंग को चेक करके इस बात का पता लगाया जा सकता है कि वह कितना पॉपुलर है और उसे कितने लोग देख रहे हैं।

हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे इस पोस्ट TRP meaning in hindi के बारे में पढ़कर आपकी TRP से जुड़ी सभी सवालों का जवाब आपको मिल गया होगा अगर आप भी आपके मन में इस पोस्ट से जुड़ी हुई कुछ भी सवाल है तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम अपने हर पाठकों के कमेंट का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे।

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